खुदाई से मस्जिद की ऊपर की खाइयां और मस्जिद के तल के ठीक नीचे कलईदार बर्तन मिले हैं।
2.
खुदाई से मस्जिद की उ+पर की खाइयां और मस्जिद के तल के ठीक नीचे कलईदार बर्तन मिले हैं।
3.
ग्वारपाठा का एक किलो गूदा लेकर छान लें और इसे किसी कलईदार बर्तन में रखकर धीमी आंच पर पकाएं।
4.
इसके बाद शहद और सफेद प्याज के पत्तों के रस को एक साथ मिलाकर किसी कलईदार बर्तन में भरकर हल्की आग पर पकाने के लिए रख दें।
5.
हल्दी, घोघ, फूल प्रियंगु और मुलेठी को पानी में पीसकर लुगदी सी बना लें और पीछे कलईदार बर्तन में काले तिल का तेल और लुग्दी मिलाकर तेल पका लें।
6.
या एलोवेरा का 1 / 2 किलो गूदा लेकर किसी साफ कपड़े से छान लें इसे कलईदार बर्तन में डालकर धीमी आंच पर पकाएं, जब यह अध पका हो जाए तब इसमें 15 ग्राम लाहौरी नमक का बारीक चूर्ण मिला दें तथा चम्मच से अच्छी तरह से घोट दें।
7.
400 ग्राम बरगद के कोमल पत्ते और 200 ग्राम बहुफली को खूब शर्बत की तरह घोट-छानकर कलईदार बर्तन में पकायें, पकने पर जब यह गाढ़ा हो जाये तो इसे नीचे उतारकर इसमें थोड़ा वंशलोचन या इमली के बीजों की गिरी मिलाकर 125 से 300 मिलीग्राम की गोलियां बना लें।
8.
* ग्वारपाठे का 1 किलो गूदा लेकर किसी साफ कपड़े से छान लें फिर इसे किसी कलईदार बर्तन में डालकर धीमी आंच पर पकाएं, जब यह अधपका हो जाए तब इसमें 36 ग्राम लाहौरी नमक का बारीक चूर्ण मिला दें तथा स्टील के चम्मच से अच्छी तरह से घोट दें।